Maruti Suzuki 800 | मारुति सुजुकी की कहानी | एक जमाने में भारत के सबसे सस्ती गाड़ी थी

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 1981 में इंडिया गवर्नमेंट ने मारुति उद्योग लिमिटेड की सुरक्षा की थी, लेकिन गाडिय़ों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए उन्हें पार्टनर की जरूरत थी, 

उस टाइम साथ मिला सुजुकी का, फिर 1982 मारुति बनी मारुति-सुजुकी।


फाइनली 1983 में लंच हुई मारुति सुजुकी की पहली कार मारुति 800. इसके कुछ में जैसी लाइट-वॉट, स्पीड, माइलेज, किफायती कीमत जो की Rs. 47000 थी। मारुति सुजुकी के पास बहुत ज्यादा ऑर्डर आने लगे ऑर्डर इतना ज्यादा आने लगे कि लोगो ने 3 से 4 साल तक इंतजार किया, फिर 2001 में मारुति ने मार्केट को अपडेट किया और लंच की Maruti Aulto ये मारुति 800 से अच्छी दिखाई थी |




फिर लोगों ने धीरे धीरे 800 को भुलने लागे, क्योंकि 800 में कुछ कमिया भी थी जैसे कोई पावर स्टेइंग नहीं थी, सेफ्टी फीचर नहीं क्योंकि देश में 350000 से ज्यादा एक्सीडेंट हुए, लेकिन मारुति ने 800 के देसी और फीटर्स में कोई बदला नहीं किया।बाद में लोगो की डिमांड बढ़ी, कमाई बढ़ी, मार्केट में बहुत सारी गढ़िया आई, फाइनली 2014 में मारुति 800 के एल प्रोडक्शन को बंद कर दिया गया। 1983 से लेकर 2005, 22 सालो तक यह कार इंडिया की बेस्ट सेलर कार रही |



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