कार रेडिएटर में पानी का इस्तेमाल क्यों किया जाता है|कार के रेडियेटर में कूलेंट की जगह पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं|Coolant vs. water for your radiator??

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रेडिएटर में पानी या कूलैंट का इस्तेमाल क्यों किया जाता है :-

कार रेडिएटर में पानी का इस्तेमाल क्यों किया जाता है,कार के रेडियेटर में कूलेंट की जगह पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं

यह सबको पता होगा कि इंजन को ठंडा करने के लिए|

रेडिएटर में पानी या कूलैंट


अब यह आपके मन में ये भी सवाल चल रहा होगा की क्यों पहले पानी डाला जाता था और आज कल कूलैंट डाल रहे हैं?

गाडी का मॉडल अगर 1995 से पहले का है तो गाडी का इंजन पानी से ठंडा होने के कारण लम्बी दूरी कवर करने में असमर्थ होता था, क्योंकि ज्यो ही पानी रेडियेटर से इंजन में और फिर इंजन से रेडियेटर के साइकिल में घूम घूम कर अपने बोइलिंग पॉइंट को प्राप्त कर लेता था तो इंजन गरम होकर काम करना बंद कर देता था| इसीलिये पहले की गाडीयो को लगतार लंबी दूरी तय करने में असमर्थ थे|इंजन हिट होना, पार्ट्स खराब होने और इंजन से धुआं निकलना पहले आम बात था |कार का इंजन अधिक गर्म होने पर लोग पानी का उपयोग कर उसे ठंडा करने की कोशिश करते थे|

रेडिएटर में पानी या कूलैंट


कूलैंट नाम ही स्पष्ट कर रहा है कि वह किसी उपकरण  ठंडा करने के काम आ रहा है.

कूलैंट का काम भी वही है जो पानी करता था,  यह एक तरल पदार्थ होता हैलेकिन कूलैंट कैमिकल के तहत होने के कारण आपको बार बार कुलेंट बदलने की कोई जरूरत नहीं  है, एक बार आपने डलवा दीया 1 से 2 सर्विस तक आराम से चल जाती है,

रेडिएटर में पानी या कूलैंट

किसी भी गाड़ी चलने से इंजन गर्म होता है, और जब इंजन गर्म हो जाएगा तो आपको भी पता है पानी  बन के उड़ जाएंगे, समय-समय पर इसे भरते रहने की जरूरत होती थी|  इसलिए हम कूलैंट इस्तमाल करते हैं| और इसमें मैं भी पानी का इस्तेमाल होता है


अस्वीकरण: उपरोक्त सभी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। निर्णय लेने से पहले किसी विशेषज्ञ की मदद ले ,यहाँ उल्लिखित जानकारी के आधार पर की गई है |




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